लेखनी प्रतियोगिता -09-Feb-2023
दैनिक प्रतियोगिता
"दहेज"
धन नाम का शब्द सदा से
लालच बढ़ाता रहा है।
चाहे वो वसीयत हो या दहेज
कत्ल कराता रहा है।
पैसा यदि श्रम का हो तो
सत्कार बढ़ाता है।
पैसा यदि मुफ्त का हो तो
अहंकार बढ़ाता है।
पैसे की माया का एक रूप दहेज
ऐसा पतित है
कि जिसमें घिर कर हर बेटे के माँ बाप
विचलित हैं।
बेटे को बेचने से चूकते नहीं जालिम
ये ऐसा लोभ है जिसे थूकते नहीं जालिम
दहेज के राक्षस ने
हजारों पुत्रों को खा लिया।
और उनके माँ बाप ने
बहूओं को जला दिया।
ये वो अंधा कुंआ है जो कभी
भरता नहीं
और इसमें जो गिरा वो
खून भी करने से डरता नहीं
बंद करो अब ये लालच का तांडव
बेटियों को इस तरह शिक्षित करो कि
पढ़ लिख कर अपने पैरों पर हो जाय खड़ी
छू न पाएं लोभी दानव
पापियों को दुर्गा बनकर दिखा दे
चुने खुद्दार शेर कोई और
दहेज के चूहों को भगा देl
अपर्णा "गौरी
Alka jain
14-Feb-2023 12:15 PM
बेहतरीन
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Varsha_Upadhyay
10-Feb-2023 08:35 PM
Nice 👌
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Sushi saxena
10-Feb-2023 05:58 PM
Nice 👌
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